An Unbiased View of पारद शिवलिंग price

- व्यक्ति समस्त सुखों का भोग करता हुआ शिवलोक तक जाता है. शिवलिंग की महत्वपूर्ण बातें क्या हैं और क्या है इसकी स्थापना के नियम ?

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

- विशेष उद्देश्यों तथा कामनाओं की प्राप्ति के लिए पार्थिव शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की जाती है. किस प्रकार करें नर्मदेश्वर की आराधना ?

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स्फटिक शिवलिंग घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाता है।

पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता

ग्रह दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पारद शिवलिंग की पूजा से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।

इसके पश्चात भगवान का पंचोपचार पूजन करें। इसमें गंध, पुष्प, धूप, दीप और तुलसी के साथ नैवेद्य को शामिल करें।

उसके बाद शिवलिंग पर हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं

भगवान विष्णु ने भी शिवलिंग की उपासना करके भगवान शिव से अनेक शक्तिया प्राप्त की और राक्षसों का अंत किया था

उत्तरी पाकिस्तान में स्थित कटासराज मन्दिर में स्थापित शिवलिंग।

अगर परिवार के किसी सदस्य की तबीयत खराब है तो उनको दवाओं के साथ पारद शिवलिंग की पूजा करवाएं। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है

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